महान और अमर कृतियों का सिनेमा
सिनेमा ने वो दौर भी देखा है ज़ब महान और अमर कृतियों पर सिनेमा बनना शुरू हुआ.
डॉ कोटणीस की कहानी, नल -दमयंती, हरीशचंद्र -तारामती और सम्पूर्ण रामायण जैसी फ़िल्में बनने लगी थी.
सिकंदर और पौरुष पर फ़िल्में बनी.
वैसे ही अमर और राष्ट्र-भक्ति प्रधान फिल्मों का दौर शुरू हुआ. वैसा ही अमर और लोकप्रिय संगीत रचा गया.
मुझे याद है एक गाना जो स्वतन्त्रता -दिवस पर बजता था -जंहा डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा.....
ऐसे राष्ट्र -भक्ति जगाने वाले गीतों ने राष्ट्र -निर्माण और प्रगति का जोश भरा और सिनेमा की लोकप्रियता सातवें आसमान पर पहुंच गईं.
@कॉपी राइट
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