सिनेमा पृथ्वीराज कपूर से पृथ्वीराज तक

 हिंदी सिनेमा पृथ्वीराज कपूर से पृथ्वीराज तक जिस हालत में पहुंच गया है वो हालत दयनीय है. और सिनेमा जगत ये कह कर मुंह चिढ़ा रहा कि ये हेटर्स कर रहें लेकिन ये सब जनता के मन से उतर जाने से हुआ है आगे का भगवान जाने? क्योंकि haters तो.1%भी नहीं है haters किसी को हिट या फ्लॉप नहीं करा सकते आपका सिनेमा वैसा नहीं रहा जैसा पृथ्वीराज या राजेश खन्ना ने जमाने में था.

लोगों ने सच बोलना और सुनना छोड़ दिया ये उनकी प्रॉब्लम थी जनता की नहीं तब जनता ने सिनेमा से जुड़ना छोड़ दिया.

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