जनता की समस्या से मतलब नहीं
ये बड़ी राजनीती है कि आज के फ़िल्मकारो को जन -समस्या नहीं चाहिए वरना उनका सिर घुम जाता है.
जनता ऐसी फ़िल्म क्यों देखेगी जो उसकी रियल लाइफ से नहीं जुड़ी हो सिर्फ रील का क्या औचित्य यदि वो रियल नहीं हो.
ये बड़ी राजनीती है कि आज के फ़िल्मकारो को जन -समस्या नहीं चाहिए वरना उनका सिर घुम जाता है.
जनता ऐसी फ़िल्म क्यों देखेगी जो उसकी रियल लाइफ से नहीं जुड़ी हो सिर्फ रील का क्या औचित्य यदि वो रियल नहीं हो.
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