मै भोर का सिनेमा लिखती हूँ
रात के अंधेरों से इतर मै भोर का सिनेमा लिखूँगी.
नाच -गाने, तमाशे सब होंगे पर रात की खुमारी में डूबा हवस का नँगा सिनेमा नहीं अपने पूर्वी संस्कृति का संयम व संस्कार का सिनेमा होगा.
अपने इतिहास और धरोहर की अपने ज्ञान -दर्शन व संतो की बात करेगा ये भोर का नया सिनेमा.....
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