संगीत में रचा -बसा बॉलीवुड सिनेमा
संगीत या मेलोडी बॉलीवुड सिनेमा की जान है बिना संगीत या म्यूजिक के हम बॉलीवुड सिनेमा की कल्पना ही नहीं कर सकते. ज़ब सिनेमा मूक से ध्वनि की ओर बढ़ा और बैकग्राउंड म्यूजिक बनने लगा फिर गाने बनने लगे.
तब पुरानी मूवी में ढेर सारे गाने होते थे साथ में नृत्य भी. ये सब लोक -संगीत और नृत्य जैसे होता था.
लोक धुनों से सजे सिने संगीत की एक नहीं हजारों बानगी हमें मिलेगी. इन गीतों की वजह से बॉलीवुड सिनेमा सिर्फ देखा ही नहीं गुनगुनाया जाता था.
शुरू का सिनेमा थिएटर जैसे होता था. गाने भी एक जगह खडे होकर गाये जाते थे जैसे मै बन की चिड़िया बन बन डोलू रे..
इस तरह से कुछ बरसों के सफर में सिनेमा ने धूम मचा दी थी. वो भारतीय जन -जीवन का हिस्सा होने लगा. भारतीय जीवन -मूल्यों और आदर्शो के साथ ये सिनेमा चला और इसने महान समाज सुधार की क्रांति में भाग लिया था.
आज़ादी के बाद देश के नव -निर्माण में बॉलीवुड सिनेमा की अग्रणी भूमिका रही. और अपने सकारात्मक योगदान के लिए जाना जाता है बॉलीवुड सिनेमा.
जिसने जीवन की दुश्वारियों से निजात दिलाई और एक समरसता का माहौल बनाया. आज सिनेमा का स्थाई प्रभाव परिलक्षित होता है और बॉलीवुड सिनेमा सभी बधाओं को पार करते हुए अपने सफर की ओर अग्रसर है जिसके लिए बॉलीवुड को शुभकामनायें!❤❤कि ये यात्रा ऐसे ही ज़ारी रहेगी.
@कॉपी राइट
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