ऐसा सपना देखा है मैंने

 हमारे बॉलीवुड के लिए मेरे अनगिनत सपने है जिसे दादा साहेब फालके ने शेप दिया. पृथ्वीराज कपूर और मोतीलाल ने नायब अभिनय से सजाया. जिसे गुरुदत्त की संवेदना और मोहब्बत ने एक मुकाम दिलाया.

जिसे k. आसिफ की मुग़ले आज़म की भव्यता के विशाल कैनवास दिया. जिसे मदर इंडिया की सामाजिकता ने भारत के गाँवो तक जीने का अंदाज बना दिया.

जिसके गाने हमें सुबह से शाम तक गुनगुनाने को प्रेरित करते है. ऐसे भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करते बॉलीवुड के लिए मैंने सुनहरे सपने देखें है. क्योंकि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन ही नहीं सपनों को भी साकार करता है. ये फीलिंग्स से जुड़ा है और इमोशन को बनाये रखता है.

ऐसे सिनेमा को मै जिंदगी और समाज की जरूरत समझती हूँ.

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