संगीत के बिना नहीं भारतीय सिनेमा की कल्पना

 संगीत सिनेमा से इतना जुड़ा है और भारतीय जन -जीवन में इतना समाया है कि दोनों का अस्तित्व एक दूजे के बिना सम्भव नहीं. और ये गाने लोक -जीवन इतने समाये है कि शादी -ब्याह, पार्टी में इन्हें बजाते है. ये एक चलन हो गया है.

पुराने वक़्त के गाने आज रीमिक्स के रूप में खूब बन रहे है और पसंद किये जा रहे है रिमिक्स का चलन ये साबित करता है कि पुराना संगीत जिसे 70 का संगीत कहते है आज भी पसंद किया जाता है.

पुराने संगीत ने इतिहास बनाया और पुराने संगीतकारों की मेहनत को नज़र अंदाज नहीं कर सकते. उस दौर के संगीत ने फ़िल्मी संगीत को अमिट बना दिया है और अपनी सम्पूर्णता के साथ आज भी प्रासंगिक बना हुआ है. अभी भी उसका विकल्प नहीं बन पाया है. इतनी परफेक्ट मेहनत उस वक़्त के सिने -संगीतकारों ने की है कि उसे नकार नहीं सकते.

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