रेडिओ के जरिये हम सिनेमा से जुड़े थे

 बचपन में हम सिनेमा नहीं देखने जा पाते थे बस रेडिओ पर सिने -संगीत सुनते थे. उस दौर का संगीत सुपर स्टार हुआ करता था और हमारे जिंदगी में उसकी बड़ी अहमियत थी. सिनेमा के गाने सीधे दिल के तार को झंकृत करते थे जिससे रात -दिन हम सिनेमा के गाने सुनते थे.

हर मूड व समय के गाने बनते और बजते थे. रेडिओ के अलावा ग्रामोफोन पर भी गाने बजते थे और लाउड स्पीकर पर गाने बजते थे इससे वो हमें याद हो जाते थे.

सिनेमा देखने लोग शहर जाते थे ज़ब कोई धार्मिक और सामाजिक फ़िल्म लगती थी. इसलिए सिनेमा जिंदगी का एक अनिवार्य हिस्सा था.

मुझे याद है सम्पूर्ण रामायण देखने हम सभी लाँजी गए थे जंहा ये मूवी लगी थी. बड़ा उत्साह हुआ करता था जोश था और उत्सव जैसे लगता था ज़ब हम सभी परिवार सहित मनपसंद सिनेमा देखने जाते थे और कई दिनों तक उसकी कहानी व सीन पर बतियाते थे.

@कॉपी राइट 

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